श्याम सुंदर खेती करते
थे किंतु एक छोटी मोटी दुकान के भी मालिक थे गांव में उनके नाम को सम्मान
पूर्वक प्रदर्शित किया जाता था सोचने लगे क्या छोटी बेटी प्रभा देवी कि शादी हो
जाए तो बनारस काशी रामेश्वरम जगन्नाथ -पूरी की यात्रा का भी कार्यक्रम बनाया जाए
यह लड़की जब उच्च माध्यमिक विद्यालय में अपनी सरस्वती प्रभाव को जानने का प्रयास
कर रही थी । तब से इसके लिए लड़का देख रहा हूं जो प्रभा को अपनी पत्नी रूप मे स्वीकार करें ।
प्रभा ने तो अब बी०ए० भी कर लिया है हम इसे
एम० ए० पढ़ा ही नहीं सकते कहीं ज्यादा पढ़ लिखकर पागल ना हो जाए। वैसे भी कोई अच्छा लड़का तो मिल नहीं रहा है जो
मिलते हैं ।अधिक दहेज मांगते हैं, अगर राजी हो जाए तो भी लड़की नापसंद की घोषणा कर देते हैं । तभी
उनको याद आया कि पड़ोस के गांव में किशन कुमार व उनके परिवार वाले लड़की को देखने
आ रहे हैं श्याम सुंदर की हालत गंभीर हो गई पिछली बार लड़के वाले आए थे । तो
बोले आपका घर ठीक है नहीं बना है हमारी भी कोई इज्जत है ? आपके घर में हम बराती कैसे ला सकते हैं आप घर को ठीक-ठाक कर ले । बेटी की शादी करें या घर बनवाए यह बात एक प्रश्न
बनकर श्याम सुंदर के मन में बैठ गई देखो इस बार क्या? सुनने को मिलता है।
स्वयं तो चरित्रहीन होंगे पत्नी चरित्रवान
चाहिए अपनी मेहनत का तो भरोसा नहीं दहेज में पूरा काम चलाऊ घर चाहिए । मैं तो बहुत निराश हो गया
हूँ । जब श्याम सुंदर
बहुत निराश होते तो श्री राम राधे कृष्ण अनेक देवी-देवताओं को पुकारते ऐसी
स्थिति में उनकी आवाज किसी मईक की आवाज को
पराजित कर देती किंतु वह आवाज पता नहीं वहां तक पहुंच पाती या नहीं जहां तक वह पहुंचाना चाहते थी
तभी अचानक लड़के वाले आ
धमके
श्याम सुंदर जी ने जबरदस्त नाश्ता पानी देकर
अपना प्रभाव जमाया । उनको लगा इस बार बात बन जाएगी लेकिन तभी काली बिल्ली रास्ता काट गई और लड़के ने समोसा को चटनी में डालकर चबातें हुए प्रभा को बारीकी से देख कर अधिकारिक घोषणा की लड़की का फेसकट खराब है। सभी लोग चले गए । श्यामसुंदर बड़े उदास मन से घर
से निकले किसी ने इस
प्रसंग पर चर्चा करते हुए कुछ पूछ लिया
श्याम सुंदर दास जी बोले लड़के वाले कह रहे हैं की लड़की का फोकस खराब है।
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